में खुल के हस रहा हू
फकीर होते हुए
वो मुस्कुरा भी न पाया
अमीर होते हुए
कदर किरदार की होती है
वरना
कद में तो साया भी
इंसान से बड़ा होता है
फकीर होते हुए
वो मुस्कुरा भी न पाया
अमीर होते हुए
कदर किरदार की होती है
वरना
कद में तो साया भी
इंसान से बड़ा होता है
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